आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्या है?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्या है?

मशीन लर्निंग | Credit : Chatbots Life.

🙏कई सारे लोग इस से पहले कृत्रिम बुद्धिमता (artificial intelligence in hindi) के बारे में कई सारे बातें जानते होंगे | परंतु विडंबना की बात यह है की , उन्हें इस से जुड़ी मूलभूत बातों का कोई जानकारी नहीं होता हैं | यहाँ पर मूलभूत बातों का अर्थ है इसके संज्ञा के बारे में जानना |

तो , आखिर कृत्रिम बुद्धिमता किसे कहते हैं ? इसका संज्ञा क्या हैं ! चलिए जानते हैं | यहाँ पर अगर मेँ सरल भाषा में कहूँ तो , कृत्रिम बुद्धिमता एक ऐसी बुद्धि है जो की पूर्ण रूप से यांत्रिक कारकों से बना होता है और यह लगभग इंसानी बुद्धि की ही तरह काम करता हैं |



कृत्रिम बुद्धिमता के जरिए मानव निर्मित यंत्र अपने को इस काबिल बना लेते है की , वह खुद व खुद अपने ही हिसाब से कम करने लगते हैं | आज के समय में कृत्रिम बुद्धिमता (artificial intelligence) अपने प्रारंभिक अवस्था में है और अभी से ही वह इंसानों के ऊपर काफी ज्यादा प्रभाव डालने लगा हैं |

मेँ आपको यहाँ बता दूँ की , आने वाले कई दशकों में यह काफी ज्यादा विकसित हो जाएगा और इसके घातक परिणाम भी आपको देखने को मिल सकते हैं | खैर आगे में इस लेख में इन सभी विषयों के बारे में विस्तृत जानकारी देने वाला हूँ |

कृत्रिम बुद्धिमता कैसे काम करता हैं ? – How Does Artificial Intelligence Work ? :-

कृत्रिम बुद्धिमता (Artificial Intelligence in hindi) के संज्ञा को जानने के बाद अब आपके मन में और एक सवाल जरूर ही उठ रहा होगा | कई लोग कृत्रिम बुद्धिमता के कार्य प्रणाली के बारे में अवगत नहीं हो पाते हैं | इसलिए आज मेँ लेख के इस भाग में इसके कार्य प्रणाली के बारे में चर्चा करूंगा | दोस्तों ! आगे बढ्ने से पहले मेँ आपको बता दूँ की कृत्रिम बुद्धिमता का कार्य प्रणाली बहुत ही निराला और दिलचस्प है | तो , आप सभी लोगों से अनुरोध है की लेख के इस भाग को थोड़ा धैर्य के साथ पढ़ें |

मित्रों ! कृत्रिम बुद्धिमता (artificial intelligence in hindi) के कार्य प्रणाली को समझने के लिए हमें इसके मुख्य 6 मौलिक बिंदुओं के ऊपर प्रकाश डालना होगा | तो , चलिए इस मौलिक बिंदुओं को एक-एक कर के जानते हैं |

1. मशीन लर्निंग (Machine Learning) :-

किसी भी को करने के लिए उस के बारे में सबसे पहले जानना बहुत ही जरूरी हैं | इंसान अपने जीवन के कई सारे घटना और अवस्थाओं में बहुत कुछ ज्ञान बटोर लेते हैं | परंतु यंत्रो के लिए यह बात संभव ही नहीं हो सकता | इसलिए यहाँ पर यंत्रों के सीखने के लिए एक विशेष प्रकार के एल्गोरिथ्म का उपयोग किया जाता हैं |

यहाँ पर मेँ आपको और भी बता दूँ की इन्हीं एल्गोरिथ्म के जरिए यंत्र भविष्यवाणी करने में सक्षम हो पाते हैं | मित्रों ! मशीन लर्निंग का उदाहरण आप गूगल के सर्च बार या किसी भी ई-शॉपिंग वैबसाइट के सर्च बार भी देख सकते हैं | यह आपके पसंदीदा चुने हुए वस्तुओं के हिसाब से आपके लिए उपयुक्त वस्तुओं का भविष्यवाणी करते हुए सही वस्तुओं का विकल्प आपको दिखाता हैं |

इसके अलावा आप नेटफ्लिक्स और उवर जैसे एप्लीकेशनों के अंदर भी मशीन लर्निंग के उपयोगिता को आसानी से देख सकते हैं |

2. डीप लर्निंग (Self-educating Machine) :-

चलिए अब कृत्रिम बुद्धिमता (artificial intelligence in hindi) के दूसरे कारक के विषय में जानते हैं | मित्रों ! यहाँ पर आपको जानकार हैरानी होगा की इंसानी दिमाग की ही तरह डीप लर्निंग का प्रक्रिया भी लगभग एक समान हैं | जैसे इंसानी दिमाग के अंदर न्यूरोन (Neuron) होते हैं , ठीक इसी तरह यंत्रों के अंदर भी एक यांत्रिक न्यूरोन नेटवर्क होता हैं |

यह नेटवर्क खुद व खुद कई सारे निर्णय ले कर इतने सक्षम हो जाते है की , अब यह खुद नए-नए चीजों से इंसानों की ही तरह ज्ञान बटोरने लगते हैं | मित्रों ! आपको यहाँ में और भी बता दूँ की डीप लर्निंग का प्रक्रिया बहुत ही जटिल होता हैं | इस प्रक्रिया के अंदर कई सारे यांत्रिक न्यूरोन नेटवर्क केवल एक निर्णय के लिए उपयोग होते हैं | एक से अधिक नेटवर्क का इस्तेमाल यहाँ पर निर्णय को बहुत ही ज्यादा विश्लेषित करते हुए पूर्ण रूप से सटीक बनाने के लिए होता हैं |

आपको डीप लर्निंग का उदाहरण आपके स्मार्ट फोन पर ही देखने को मिलेगा | आमतौर पर गूगल एसिसटेंट और सिरी डीप लर्निंग के मुख्य और सबसे सरल उदाहरण हैं | मित्रों ! इससे पहले क्या आपको इसके बारे में जानकारी थी ? जरूर ही कॉमेंट करके बताइएगा|

3. न्यूरल नेटवर्क (Neural Network) :-

मैंने ऊपर ही न्यूरल नेटवर्क के बारे में संक्षिप्त में जिक्र किया हैं | परंतु यह भी कृत्रिम बुद्धिमता (artificial intelligence in hindi) का एक महत्वपूर्ण अंग हैं |

इंसानी स्नायु तंत्र के भांति यह भी एक जाल की तरह यंत्रों के अंदर अवास्तविक तौर पर मौजूद रह कर मशीन को बहुत सारे निर्णय लेने में मदद करता है |

4. कोग्निटिव कंप्यूटिंग (Cognitive Computing) :-

कोग्नेटिव कंप्यूटिंग कृत्रिम बुद्धिमता का सबसे अनोखा अंग हैं | इसका काम मूल रूप से इंसानों के साथ यंत्रों की सही रूप से संबंध स्थापित करना हैं | अगर मेँ इसे सरल भाषा में समझाऊँ तो , कोग्निटिव कंप्यूटिंग कृत्रिम बुद्धिमता का वह अंग है जो की इंसानी भाषा को सही तरीके से समझ कर इसे यांत्रिक भाषा में तब्दील करता हैं |

इस अंग के बिना कृत्रिम बुद्धिमता (artificial intelligence in hindi) का कार्य प्रणाली पूर्ण रूप से व्यर्थ हो जाएगा | इसलिए इसका महत्व आज काफी ज्यादा हैं |

5. नैचुरल लेंगुएज प्रोसेसिंग (Natural Language Processing) :-

मित्रों ! आपको तो पता ही होगा की यंत्रों में इंसानी भाषाओं की कोई महत्व नहीं हैं | इसलिए यह बहुत जरूरी बन जाता हैं की , वैज्ञानिक यंत्रों के लिए एक अलग से यांत्रिक भाषा को निर्मित करें | वैसे तो आमतौर पर कंप्यूटर में बाइनरी भाषा का उपयोग होता है , परंतु कृत्रिम बुद्धिमता के लिए वैज्ञानिकों ने एक अलग से भाषा का भी निर्माण किया हैं |

मेँ आपको यहाँ और भी बता दूँ की नैचुरल लेंगुएज प्रोसेसिंग या NLP एक प्रकार यांत्रिक भाषा है जो की ,आमतौर पर कंप्यूटर और स्मार्ट डिभाइस के अंदर इस्तेमाल किया जाता हैं | इस भाषा के जरिए कोई भी यंत्र मनुष्य की ही तरह बात-चित और शब्दों का सही से उच्चारण कर सकता हैं |

उदाहरण के स्वरूप आप गूगल ट्रांसलेटर के वॉइस विकल्प को ही ले लीजिए | यहाँ आपको NLP के जरिए शब्दों का सही और सटीक उच्चारण यंत्रों के द्वारा सुनने को मिल रहा हैं |

6. कंप्यूटर विजन (Computer Vision) :-

कंप्यूटर विजन कृत्रिम बुद्धिमता (Artificial Intelligence in hindi) का आखरी सबसे गुरुत्वपूर्ण अंग हैं | चलिए अब इसके बारे में विस्तृत में जान लेते हैं | मित्रों ! इंसानी आंखों की ही तरह कंप्यूटर का भी अपना ही एक प्रकार का आंख होता हैं | यह आंखें उसे कई सारे ग्राफ , फोटो , टेबल आदि देखने व सही तरीके से समझने में मदद करता हैं |

मित्रों ! इन आंखों के बिना कोई भी कृत्रिम बुद्धिमता अधूरा हैं | हालांकि इसके बिना भी यह कई सारे काम कर सकता हैं | खैर कंप्यूटर विजन के आज कई सारे लाभकारी परिणाम इंसान इस्तेमाल कर रहा हैं | यह इंसानी सभ्यता के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस से आज कई प्रकार के खोज और शोध किया जा रहा है।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में AI |Credit : Thrive Global.

इसके अलावा कंप्यूटर विजन को (Computer Vision) आज स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा हैं | इस से मरीजों के शरीर के अंदर छुपी हुई बीमारियों को खोजा जा रहा हैं | आप लोगों ने अगर कभी एक्स-रे का उपयोग किया हैं तो , मेँ आपको बता दूँ की यह एक प्रकार से कंप्यूटर विजन ही हैं |

आपको क्या लगता हैं ! क्या सच में कृत्रिम बुद्धिमता हमारे लिए वरदान हैं ?

क्या कृत्रिम बुद्धिमता इंसानों के लिए एक खतरा हैं ? – Is Artificial Intelligence Dangerous ? :-

यह जो शीर्षक में सवाल दिया गया है न , यह आज ग्लोबल वार्मिग की ही तरह एक जटिल समस्या बन गया हैं | खैर गनीमत यह है की अभी यह विकसित देशों के लिए एक समस्या है और भारत जैसे विकासशील देशों के लिए अभी यह समस्या उतना जटिल नहीं हुआ हैं | परंतु फिर भी हम लोग आज इसके बारे में अवश्य ही चर्चा करेंगे |

महान वैज्ञानिक स्टीफन हावकिंग , स्पेस एक्स के सीईओ एलोन मस्क तथा माइक्रोसॉफ़्ट के जन्मदाता बिल गेट्स जी ने अभी से ही कृत्रिम बुद्धिमता (artificial intelligence in hindi) को ले कर काफी ज्यादा चिंता जताया हैं | एलोन मस्क जी यहाँ तक कहते हैं की एक दिन टर्मिनेटर फिल्म की ही तरह मशीन इंसानों के ऊपर राज करने वाले हैं |

आने वाले 10 सालों के अंदर आपको कृत्रिम बुद्धिमता से जुड़ी कई सारे हानिकारक प्रभाव देखने को मिलेंगे | आज विकसित देशों के वैज्ञानिक स्वचालित हथियारों को बनाने में लगे हैं | आज से कुछ दशक बाद शायद आपको युद्धों में इंसान कम और यंत्र ज्यादा देखने को मिलेंगे |

खैर मेँ आपको यहाँ बता दूँ की कृत्रिम बुद्धिमता के कारण कई सारे आधुनिक हथियार इंसानों के द्वारा प्रतक्ष रुप से नहीं चलाएं जाएंगे | इन हथियारों को चलाने के लिए AI (Artificial Intelligence) का इस्तेमाल होगा जो की इंसानों के लिए एक बहुत बड़ा खतरा होगा | यहाँ कोई नहीं कह सकता की AI अपने बुद्धि का प्रयोग गलत काम के लिए नहीं करेगा |

यह भी हैं कृत्रिम बुद्धिमता के खतरे :-

आपको जानकर थोड़ा अटपटा लगेगा परंतु यह बात बिलकुल सत्य हैं | कुछ वैज्ञानिकों का यह कहना है की , आने वाले समय में यंत्र इतने विकसित हो जाएंगे की , यह बड़ी ही आसानी से इंसानी दिमाग अपने वश में कर सकते हैं | इसके अलावा यह इंसानों को आसानी से भड़का भी सकते हैं |

मित्रों ! चीन की सरकार ने अपने नागरिकों के ऊपर अधिक नियंत्रण के लिए कुछ निर्णय ली है , जिस में वह उनके ऑनलाइन ब्राउज़िंग डेटा तथा ऑनलाइन गतिविधिओं के ऊपर नजर रख सके | इसके अलावा जगह-जगह लगे कैमरे आसानी से किसी व्यक्ति के गतिविधिओं को भी काफी प्रभावित कर सकता हैं | खैर यह सब कार्य अभी एक तरीके से कृत्रिम बुद्धिमता के द्वारा होने वाला हैं | तो , आप ही सोचिए यह नागरिकों के व्यक्तिगत जीवन में कितना ज्यादा प्रभाव डाल सकता हैं |

इसके अलावा भी कृत्रिम बुद्धिमता के अन्य कई सारे खामियाँ हैं | मित्रों ! जो भी हो यंत्र जितना भी विकसित और आधुनिक हो जाए , परंतु वह कभी भी न तो इंसान बन सकता है और न ही इंसानों से ज्यादा बुद्धिमान बन सकता हैं | भविष्य में क्या होगा यह सटीक रुप से अभी कह पाना बिलकुल भी सरल नहीं हैं | इसलिए आशा सिर्फ यह है की , हम लोग आगे भी कृत्रिम बुद्धिमता से आज के ही भांति लाभ के काम ही लेंगे | क्योंकि अगर एक बार भी इंसान इसे बुरे कार्यों के लिए इस्तेमाल करने लगा तो , पृथ्वी की तबाही सुनिश्चित हैं |

कृत्रिम बुद्धिमता से जुड़ी कुछ बेहद ही हैरान कर देने वाली बातें – Amazing Artificial Intelligence In Hindi:-

मित्रों ! चलिए अब कृत्रिम बुद्धिमता (artificial intelligence in hindi) से जुड़ी कुछ हैरान कर देने वाली बातों को जान लेते हैं |

1. 1950 से हो रही है AI के ऊपर शोध :-

अब आप लोगों मेसे ज़्यादातर लोगों को यह लगता होगा की , AI को हाल ही में ढूंढा गया हैं | परंतु यह बात बिलकुल भी सत्य नहीं हैं | जी हाँ ! आपने सही सुना | AI को 1950 के दौरान सबसे पहले ढूंढा गया था | ब्रिटिश वैज्ञानिक एलेन टुरींग को AI के जन्मदाता के रूप में जाना जाता हैं , जिन्हें ने 1940 से 1950 तक AI का मूल निव रखा |

2. AI का सबसे ज्यादा उपयोग होता है विडियो गेम के अंदर :-

आज का युग ऑनलाइन गेमिंग का हैं | आज का युवा पीढ़ी ऑनलाइन विडियो गेम के पीछे भागा ही जा रहा हैं | मित्रों ! आपको जानकर हैरानी होगा की AI को विडियो गेम के अंदर बहुत ही ज्यादा इस्तेमाल किया जाता हैं | इसलिए अकसर कई बार यह विडियो गेम बहुत ही ज्यादा आकर्षक और मजेदार लगता हैं |

आप AI के बिना अगर कोई विडियो गेम खेलें तो ,आपको उतना मजा नहीं आएगा जितना की AI युक्त गेम के अंदर आएगा |

3. नाइट राइडर ! – यह होगा दुनिया का सबसे पहला AI से चलने वाला गाड़ी :-

भविष्य में लोगों को शायद ही कोई काम अपने हाथों से करना पड़े | यकीन नहीं आता न ! तो , सुनिए हाल ही में वैज्ञानिकों ने नाइट राइडर नाम के एक गाड़ी का निर्माण किया है जो की पूर्ण रूप से AI के द्वारा चलेगा | इसको चलाने के लिए इंसानों की जरूरत नहीं पड़ेगी |

एक रिपोर्ट से पता चला है की , यह गाड़ी आने वाले 2-3 सालों के अंदर आपको रास्ते में देखने को मिल जाएगा | खैर यह भारत में कब आएगा इसका अभी तक कोई सूचना नहीं मिला हैं |

4. AI करेगा इंसानों का मुक़ाबला :-

घबराइए मत ! मेँ यहाँ पर कोई जंग के बारे में नहीं बात कर रहा हूँ | मेँ यहाँ बात कर रहा हूँ इंसानों के द्वारा किए जाने वाले कुछ कामों का | एक शोध से पता चला है की आने वाले एक दशक में AI 16% इंसानों के द्वारा किए जाने वाले कामों को उनसे छिन लेगा | इसी कारण से कई लाखों लोग अपना जीविका खो बैठेंगे |

वाकई में इसके बारे में हमें अभी से कुछ न कुछ करना ही पड़ेगा | नहीं तो आने वाले समय में क्या होगा इसका कल्पना भी कोई नहीं कर सकता हैं |

खैर जाने से पहले मेँ सिर्फ इतना कहना चाहूँगा की , चाहें जितना भी AI उन्नत हो जाए परंतु यह कभी भी इंसानों के भांति सोच नहीं सकता हैं | इनके अंदर कभी भी इंसानों के तरह भावना नहीं आएंगे | भावना ही वह एक चीज़ है जो की इंसानों को किसी भी AI से बनी यंत्र से काफी ज्यादा मूल्यवान बना देती हैं |

 वाकई में मुझे ऐसा लगता है की , AI भले ही कई सारे इंसानों की जीविका छिन ले जाए परंतु वह कभी भी इंसानों की भांति कुशल और संकल्प बद्ध नहीं हो सकता हैं | AI को हमें एक वरदान की ही तरह सोच-समझ कर इस्तेमाल करना चाहिए |[1]

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