अकेलेपन को कैसे दूर करें?

akelepan ko kaise door kare

कभी-न-कभी हर किसी को अकेलापन महसूस होता है। इसमें वे लोग भी शामिल हैं, जो बहुत मशहूर होते हैं। वह क्यों? क्योंकि कई बार अकेलापन महसूस करने की वजह यह नहीं होती कि एक व्यक्‍ति के पास दोस्त नहीं है, बल्कि यह कि उसके पास सच्चे दोस्त नहीं होते। 


जो लोग हमेशा लोगों से घिरे रहते हैं, कई बार उनका कोई सच्चा दोस्त नहीं होता, इसलिए वे खुद को अकेला महसूस कर सकते हैं। अकेलेपन से आपकी सेहत को नुकसान पहुँच सकता है। 

जानकारों ने 148 लोगों पर अध्ययन किया और पाया कि जो लोग दूसरों से ज़्यादा मिलते-जुलते नहीं हैं, उनकी वक्‍त से पहले मौत हो जाती है। उन्होंने यह भी पाया कि अकेलापन एक इंसान की सेहत पर मोटापे से होनेवाली बीमारियों से दुगना हानिकारक होता है। 

और अकेलेपन से होनेवाला नुकसान एक दिन में 15 सिगरेट पीने से होनेवाले नुकसान के बराबर है। अकेलेपन की वजह से आप गलत फैसले ले सकते हैं। 

अकेला महसूस करने पर आप ऐसे किसी से भी व्यक्‍ति से दोस्ती कर बैठते हैं, जो आपसे दोस्ती करना चाहता है। अमित नाम का लड़का कहता है कि जब आप खुद को अकेला महसूस करते हैं, 

तो आप चाहते हैं कि कोई तो आपकी तरफ ध्यान दे। वह बताता है कि आप शायद यह सोचने लगें कि एक भी दोस्त न होने से अच्छा है कि कोई भी आपका दोस्त बन जाए और इस वजह से आप मुसीबत में फँस सकते हैं। 

 फोन या कंप्यूटर अकेलेपन का इलाज नहीं। नैना नाम की लड़की कहती है, “चाहे मैं एक दिन में 100 लोगों को भी मेसेज या ई-मेल क्यों न कर दूँ, तब भी मैं खुद को बहुत अकेला महसूस करूँगी।”

तनमेय नाम का एक नौजवान लड़का

भी ऐसा ही महसूस करता है। उसका कहना है कि “मेसेज करना चाय-नाश्ते की तरह है, जबकि आमने-सामने बात करना खाना खाने की तरह है।

 चाय-नाश्ता बहुत मज़ेदार होता है, लेकिन अच्छी तरह खाना खाने पर ही आपको संतुष्टि मिलती है।”

आप क्या कर सकते हैं

जो हुआ, उसके बारे में अच्छा ही सोचिए। मान लीजिए आप इंटरनेट पर अपने कुछ दोस्तों की तसवीरें देखते हैं, जो एक पार्टी में हैं, लेकिन उन्होंने आपको नहीं बुलाया। 

 ऐसे में आप या तो इस नतीजे पर पहुँच सकते हैं कि उन्होंने जान-बूझकर आपको पार्टी में नहीं बुलाया या फिर आप इस बारे में सही नज़रिया बना सकते हैं। जो हुआ, 

उस बारे में आप हर बात नहीं जानते हैं, तो बुरा सोचकर परेशान होने के बजाय, क्यों न आप यह सोचें कि आपको न बुलाने की उनके पास ज़रूर कोई वजह रही होगी। 

कई बार हमारे हालात नहीं, बल्कि हमारा नज़रिया अकेलेपन की वजह होती है। गलत नतीजे पर मत पहुँचिए। जब आप अकेला महसूस करते हैं, तो शायद आप सोचें, 

‘मुझे कभी-भी कोई नहीं बुलाता’ या ‘लोग हमेशा मुझसे कटे-कटे रहते हैं।’ लेकिन इस तरह की बातें सोचने से आपको लगेगा कि आप अपने दोस्तों के बीच भी एक अजनबी की तरह हैं,

 जिस वजह से आप खुद को दूसरों से अलग कर लेते हैं। नतीजा, आप अकेलेपन के दल-दल में और भी ज़्यादा धसते जाते हैं।

उन लोगों से दोस्ती

करने के लिए तैयार रहिए, जो उम्र में आपसे बड़े हैं। पवित्र शास्त्र में दाविद और योनातन नाम के दो लोगों की दोस्ती के बारे में बताया गया है। जब उनकी मुलाकात हुई, 

तब दाविद एक नौजवान था और योनातन उससे उम्र में 30 साल बड़ा था। फिर भी वे एक दूसरे के पक्के दोस्त थे। आप भी ऐसे लोगों के साथ दोस्ती कर सकते हैं, जो आपसे उम्र में बड़े हैं। कीर्ति, जो 21 साल की है, कहती है, “मैंने अब जाकर ऐसे दोस्तों की कदर करना सीखा है, 

जो मुझसे उम्र में बड़े हैं। मेरे कुछ बहुत अच्छे दोस्त हैं, जो मुझसे कई साल बड़े हैं। ज़िंदगी का तजुरबा होने की वजह से वे जिस तरह मामलों से निपटते हैं, और हद-से-ज़्यादा परेशान नहीं होते, इससे मैंने बहुत कुछ सीखा है। अकेले होने के फायदों के बारे में सोचिए। कुछ लोगों के साथ ऐसा होता है, 

कि अगर वे एक पल के लिए भी अकेले हो जाएँ, तो वे अकेलापन महसूस करने लगते हैं। लेकिन आपको ऐसा महसूस नहीं करना चाहिए। ज़रा यीशु के उदाहरण पर गौर कीजिए। उसे लोगों से मिलना-जुलना अच्छा लगता था, लेकिन उसे अकेले में कुछ पल बिताना भी पसंद था। 

तो जब आप अकेले हों, तो निराश होने के बजाय, क्यों न आप उस वक्‍त अपनी आशीषों के बारे में सोचें। अगर आप ऐसा करेंगे, तो शायद आप एक ऐसे इंसान बन पाएँगे, जिससे हर कोई दोस्ती करना चाहेगा।

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