अमेरिका का इतिहास क्या है?

अमेरिका ही नही अपितु सम्पूर्ण उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका की खोज भारत के कारण हुई सन 1492 में कोलम्बस भारत को खोजने के लिए निकल पड़ा।उसे पता चल गया था कि दुनिया गोल है इसलिए यूरोप के पश्चिमी तट से निकल कर एशिया के पूर्वी तट तक पहुंच जा सकता है। उन्हें उस समय पता नही था कि यूरोप और एशिया के मध्य एक अन्य स्थलीय भाग भी स्थित होगा।


जब कोलम्बस ने अमेरिका की धरती पर पेर रखा तो उसे लगा वह भारत पहुंच गया है। जब उसने वँहा के निवासियों को देखा तो पाया कि इनका रंग भारतीयों जैसा नही है। इसलिए उसने उन्हें रेड इंडियन की संज्ञा दी।
1503 में एक अन्य समुद्री नाविक अमेरिगो वेसपुची अमेरिका पहुंचा। उसने सम्पूर्ण यूरोप को बताया कि ये भारत नही बल्कि कोई अन्य महाद्वीप है। लोगो ने उस नाविक के सम्मान में अमेरिका का नाम रख दिया।
यूरोपीय लोगो के आने से पहले अमेरिका की स्वयं की सभ्यता और संस्कृति थी। जिन्हें माया और इंका सभ्यता के नाम से जाना जाता है।
इतिहासकारों के अनुसार ये काफी उन्नत सभ्यता थी।
अमेरिका के इन निवासियों के पास अपर धन संपदा थी। सबसे पहले स्पेनिश और पुर्तगाली लोगो की नजर इस धन संपदा पर पड़ी। पुर्तगाल पर स्पेन का अधिकार हो जाने के कारण सम्पूर्ण अमेरिकन महाद्वीप स्पेन के हाथ मे आ गए। शपेनिष लोगो ने यहाँ के लोगो दे युद्ध करके उन्हें अपना गुलाम बना लिया। धीरे धीरे उन लोगो की सभ्यता नष्ट होने लगी। उन लोगो पर अपनी भाषा थोप दी। वर्तमान में केवल 14 लोगो को वो भाषाए आती है।
स्पेनिश लोगो के आधुनिक हथियारों के सामने उनके पुराने हथियार काम नही आये। इसके अलावा स्पेनिश लोग अपने साथ चेचक की बीमारी भी अमेरिका ले गए जिसे वँहा के मूल निवासी सह नही पाए।
आज भी दक्षिण अमेरिका पर स्पेन के प्रभाव देखा जाता है। सम्पूर्ण दक्षिण अमेरिका स्पेनिश बोलता है। इसीलिए उसे लैटिन अमेरिका कहा जाता है क्योंकि वहाँ लेटिन(स्पेनिश) बहस बोली जाती है।


दूसरी तरफ उतरी अमेरिका पर विभिन्न यूरोपीय देशों का राज हो गया।
  • अमेरिका के पूर्वी तट पर बसी 13 कॉलोनियों पर ब्रिटेन का राज था।
  • आधे हिस्से पर फ्रांस के राज था।
  • आधे पर स्पेन का( जिसे बाद में फ्रांस ने जीत लिया)
सन 1770 के दशक में अमेरिका की 13 कॉलोनियों में राष्ट्रवाद की भावना पनपने लगी।
ब्रिटेन द्वारा लगाए गए विभिन करो,बोस्टन हत्याकांड और बोस्टन टी पार्टी ने अमेरिका की स्वतंत्रता निश्चित कर दी थी।
1783 में अमेरिका को स्वतंत्रता मिल गयी।
महाशक्ति के रूप में अमेरिका का उदय
इसके लिए विभिन्न कारण है-
  1. अमेरिकी महाद्वीप में हर प्रकार का संसाधन पाया जाता है। उनकी धरती वास्तव ने सोना चांदी उगलती है।
  2. कैलिफोर्निया— अमेरिका को केलिफोर्निया के रूप में वरदान प्राप्त है। ये वरदान उसे भगवान से नही मिला बल्कि उसने मैक्सिको से यह छीना है। यदि आज केलिफोर्निया को अलग देश बना दिया जाए तो भी यह अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश होगा। केलिफोर्निया की अर्थव्यवस्था का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसकी अर्थव्यवस्था चीन से भी बड़ी है। अगर आज अमेरिका के पास केलिफोर्निया नही होता तो अमेरिका भी भारत जैसे ही होता।
  3. औद्योगिक क्रांति से अमेरिका भी अछूता न रहा। वहां भी उद्योग धंधे विकसित हो गए।
पहले विश्व युद्ध से पहले अमेरिका पर्याप्त रूप से विकसित हो गया था तथा ब्रिटैन व जर्मनी से लड़ने की हिम्मत रखता था।
  • प्रथम विश्वयुद्ध
विश्वयुद्ध के प्रारंभ में अमेरिका किसी भी गुट में शामिल नही हुआ था। दोनों गुटों( एक ब्रिटेन का जबकि एक जर्मनी का) को नुकसान हो रहा था। इस नुकसान की भरपाई के लिए दोनों गुटों ने कर्ज लेना शुरू कर दिया।
चूंकि अमेरिका के पास पर्याप्त पैसे थे इसलिए उसने दिल खोलकर कर्जा दिया। विश्वयुद्ध के बाद सभी मुल्कों पर अमेरिका का कर्ज था।
युद्ध के बाद अमेरिका मालामाल हो गया। हालांकि 1929–30 की आर्थिक मंदी ने अमेरिका के कदम रोके परन्तु उसने राष्ट्रपति फ्रेंक्लिन डी रूजवेल्ट के नेतृत्व में इस पर काबू पा लिया।
अब विश्व पटल पर अमेरिका की धाक जमनी शुरू हो गयी।
  • द्वितीय विश्वयुद्ध
इस बार भी अमेरिका ने युद्ध मे पहले भाग नही लिया। वह युद्ध शुरू होने के 3 साल बाद 1942 में युद्ध मे शामिल हुआ।
युद्ध खत्म होने के बाद केवल दो देश थे जिनको कम नुकसान हुआ था। एक सोवियत रूस था जबकि दूसरा अमेरिका था।
ब्रिटेन दिवालिया हो गया क्योंकि उसके हाथ से भारत जैसे अमूल्य हीरा निकल गया। पहले विश्वयुद्ध में भारत के कारण ही ब्रिटेन वापस जीवित हो पाया था परंतु अब वह वापस जीवित नही हो पाया।



  • शीत युद्ध
अमेरिका की पूंजीवादी व्यवस्था बनाम रूस की साम्यवादी व्यवस्था के बीच शीत युद्ध शुरू हो गया।
द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात केवल सोवियत रूस ही था जो अमेरिका का मुकाबला कर सकता था।
अमेरिका ने कूटनीति के माध्यम से शीत युद्ध जीता जिसका परिणाम था सोवियत संघ का विखंडन।
अब अमेरिका के अलावा दुनिया मे कोई भी अन्य महाशक्ति नही थी
वर्तमान में चीन है जो अमेरिका को टक्कर दे सकता है इसीलिए अब शीत युद्ध का स्थान व्यापार युद्ध ने ले लिया है।

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